योगगुरू स्वामी रामदेव यांच्या बेमुदत उपोषण स्थळी सरकारने मध्यरात्री केलेल्या कारवाईनंतर सर्वत्र निषेध, तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त केल्या जात आहेत...लोकप्रिय "महाबलि" ब्लॉगचे नियमित वाचक आणि मार्गदर्शक रविंद्र बर्गले यांनी व्यक्त केलेले हे मत... (रविंद्र बर्गले, इंदौर) मैं नहीं समझता कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समग्र देश में इतना बड़ा तूफान खड़ा कर देने वाले महान संत, योगगुरू को बदनाम करने का षड्यंत्र रचने और केंद्र सरकार में बैठी जनता के प्रति जवाबदेह सरकार द्वारा 1 लाख देशभक्त युवा, वृद्ध, बाल, स्त्रियों पर देश के आमजन पर हुए असामयिक बर्बर अत्याचार के बाद कुछ कहने के लिए शेष बचा है? दिल्ली में उस पूरे दिन और रात तक केंद्र सरकार ने जो किया, जो दृश्य उपस्थित किया वह देखने के बाद देशभक्त व्यक्ति शून्य हो जाता है, समय उसके लिए थम जाता है. शब्द उन भावों को स्वर नहीं दे सकते, देना भी नहीं चाहिए. जीभ की अपनी सीमा है, जीभ अपना काम कर चुकी. सत्ताधीश भी अपना कार्य कर चुके. जो कुछ भी क्रम से हुआ, मीडिया ने देखा. सारे देश ने देखा, बाबा रामदेव द्वारा उठाए गए देशभक्ति के उस भीषण ज्वार को, भा...